घर आजा परदेसी Ghar Aaja Pardesi Lyrics in Hindi – DDLJ

घर आजा परदेसी Ghar Aaja Pardesi Lyrics in Hindi – DDLJ: This song is sung by Pamela Chopra, Manpreet Kaur and composed by Jatin-Lalit while the lyrics are written by Anand Bakshi. Starring Shah Rukh Khan, Kajol, Anupam Kher, Amrish Puri, Farida Jalal, Satish Shah, Achala Sachdev, Mandira Bedi & Karan Johar. Our team is sharing the lyrics of the Ghar Aaja Pardesi Song through this article so that you can remember the lyrics of the song without any errors.

Song Credits:

  • Film Title: Dilwale Dulhania Le Jayenge
  • Track Title: Ghar Aaja Pardesi
  • Singer(s): Pamela Chopra, Manpreet Kaur
  • Music Director: Jatin-Lalit
  • Lyricist: Anand Bakshi
  • Label: Saregama Music

घर आजा परदेसी Ghar Aaja Pardesi Lyrics in Hindi – DDLJ:

ओ, ओ, ओ, ओ..!!
हो कोयल कूके हूक उठाए
यादों की बंदूक चलाए
कोयल कूके हूक उठाए
यादों की बंदूक चलाए
बागों में झूलों के मौसम वापस आए रे
घर आजा परदेसी तेरा देस बुलाए रे
घर आजा परदेसी तेरा देस बुलाए रे
हो बागों में झूलों के मौसम वापस आए रे
घर आजा परदेसी तेरा देस बुलाए रे
घर आजा परदेसी..!!
तेरा देश बुलाए रे..!!

इस गांव की अनपढ़ मिट्टी, पढ़ नहीं सकती तेरी चिट्ठी
ये मिट्टी तू आकर चूमे, तो इस धरती का दिल झूमे
माना तेरे हैं कुछ सपने, पर हम तो हैं तेरे अपने
भूलने वाले हमको तेरी याद सताए रे
घर आजा परदेसी तेरा देस बुलाए रे
घर आजा परदेसी..!!
तेरा देश बुलाए रे..!!

पनघट पे आई मुटियारें, छम छम पायल की झनकारें
खेतों में लहराई सरसों, कल परसों में बीते बरसों
आज ही आजा गाता हँसता, तेरा रस्ता देखे रस्ता
अरे छुक-छुक गाड़ी की सीटी आवाज़ लगाए रे
घर आजा परदेसी तेरा देस बुलाए रे
घर आजा परदेसी..!!
तेरा देश बुलाए रे..!!

हाथों में पूजा की थाली, आई रात सुहागों वाली
ओ चाँद को देखूं, हाथ मैं जोड़ूं, करवा चौथ का व्रत मैं तोड़ूं
तेरे हाथ से पीकर पानी, दासी से बन जाऊँ रानी
आज की रात जो मांगे कोई वो पा जाए रे
घर आजा परदेसी तेरा देस बुलाए रे
घर आजा परदेसी..!!
तेरा देश बुलाए रे..!!

ओ मन मितरा, ओ मन मीता
वे तेनूं रब दे हवाले कीता

दुनिया के दस्तूर हैं कैसे, पागल दिल मजबूर है कैसे
अब क्या सुनना, अब क्या कहना, तेरे मेरे बीच ये रैना
खत्म हुई ये आँख मिचौली, कल जाएगी मेरी डोली
मेरी डोली मेरी अर्थी ना बन जाए रे
घर आजा परदेसी तेरा देस बुलाए रे
घर आजा परदेसी तेरा देस बुलाए रे
कोयल कूके हूक उठाए
यादों की बंदूक चलाए
बागों में झूलों के मौसम वापस आए रे

ओ माही वे, ओ चनवे
वे जिंदवा ओ सजना

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