होली रे रसिया Holi Re Rasiya Lyrics in Hindi – Maithili ThakuR

होली रे रसिया Holi Re Rasiya Lyrics in Hindi – Maithili ThakuR: This holi special song is sung by Maithili Thakur and composed by Mahan Sehgal while the lyrics are written by Kausar Munir & add additional rap lyrics are written by Abhijay Negi, Siddhant Sharma. Our team is sharing the lyrics of “Holi Re Rasiya” Song through this article so that you can remember the lyrics of the song without any errors.

Song Credits:

  • Composer: Mahan Sehgal
  • Vocalists: Maithili Thakur, Ayachi Thakur, Rishav Thakur, Abhijay Negi, Siddhant Sharma
  • Lyrics: Kausar Munir
  • Additional Lyrics & Rap: Abhijay Negi, Siddhant Sharma
  • Label: Coke Studio India

होली रे रसिया Holi Re Rasiya Lyrics in Hindi Maithili ThakuR:

आज बिरज में होरी रे रसिया
आज बिरज में होरी
आज बिरज में होरी रे रसिया
आज बिरज में होरी रे रसिया
होरी रे रसिया बरजोरी रे रसिया
होरी रे रसिया बरजोरी रे रसिया

उड़त गुलाल लाल भई बादल
उड़त गुलाल लाल भई बादल
केसर रंग में बुरी रे रसिया
हो केसर रंग में बुरी रे रसिया
आज बिरज में होरी

बुरा ना माने
होली है राजा
गुस्से को पीजा बोल रंगो की भाषा
जहा से मैं आता वहां आए दिन
कोई किसके गुब्बारा मारे
लेकिन आज दिन प्यारा
क्योकि आज त्यौहार और मूड दिलदार दिखें
भाइयों का चारो ओर
गुलाल डाला जेब में है पूड़े पड़े 4 और
हंजी आज बृज की होली बनरी हार्डकोर
पार्क मोहल्ले की गलियों में
भागरे है भीगे
पापा के मथो पे रंगो के टीके
सब गारे दिल से और सब रंगीन है
ना कोई किसके ऊपर ना कोई किसके नीचे
भीग में गुजियां खाने उह
वापस भरा गुब्बारों में पानी उह
हैं खिली गीली मिट्टी में उह
रंगो के नीचे नी दिखाई जाती
हमारी वो ज़िद्द है
रंग जो ना मिटे
भंग से ना हिले
लौंडे कातिल है
जहाँ भी हो रही तफरी बन्दे शामिल है
बहाना चाहियें बस खुलेगी बोतले
आज हवा में रंग है तो रोको समय
इस भोले में दम है तो बीती पारे
त्यौहारों पे याद आती है एक घर है
जहाँ बेपना प्यार है पर हमे भूख है
तो भले रह लूंगा भूखा
निशाना कभी ना चुके
झूमो खेले जाओ कोई नी देख रहा है
पिचकारी मोटी है कोई नहीं बच पाएं
है मुँह पे पक्का रंग
और उसे पता नी भाई
तेरा भाई सीधे मौत

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मोरे सैयां जो आये पलट के
होरी मैं खेलूंगी डट के
मोरे सैयां जो आये पलट के
होरी मैं खेलूंगी डट के
उनके पीछे मैं चुपके से जाके
ये गुलाल अपने तन से लगा के
रंग दूंगी उन्हें भी लिपट के
होरी मैं खेलूंगी डट के
मोरे सैयां जो आये पलट के
होरी मैं खेलूंगी डट के

ना छोटा ना मोटा ना काला ना गोरा
ना जाति ना पाती ना कौन किसका पोता
सबके लगेंगे रंग कौन हमको रोका
ये होली का सीजन है आ इसमें खोजा
साथ अपने मिलके
ये रंगो का त्यौहार
खुशियों में खिलके
ये रंगो का त्यौहार
टुकड़ो को सिलके
ये रंगो का त्यौहार
ला मुझको बिल दे
ये रंगो का त्यौहार

ठुमक ठुमक के फागुन आया
संग संग लाया ठुमरी
राग रंग में भीगा गमछा
भीग गयी रे चुनरी
ठुमक ठुमक के फागुन आया
संग संग लाया ठुमरी
राग रंग में भीगा गमछा
भीग गयी रे नगरी हमरी तुम्हरी
क्योकि आज बिरज में
आज बिरज में
आज बिरज में

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